सोमवार, 17 सितंबर 2012

विघ्नहर्ता














 

 










हे भालचन्द्राय ! हे कर्मयोगी !हे वक्रतुण्डाय !  हे वरदमूर्ति विघ्नहर्ता ...आप हमारे भी विघ्न दूर करने  पधारो जी।

विघ्नहर्ता आप  हम  सब के कष्टों का निबारण करें .   

हे रब किसी से छीन कर मुझको ख़ुशी न दे
जो दूसरों को बख्शी को बो जिंदगी न दे

तन दिया है मन दिया है और जीवन दे दिया
प्रभु आपको इस तुच्छ का है लाखों लाखों शुक्रिया

चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो

मेरी अर्ध्य है प्रभु आपसे प्रभु शक्ति ऐसी दीजिये
मुझे त्याग करूणा प्रेम और मात्रं भक्ति दीजिये

तेरा नाम सुमिरन मुख करे कानों से सुनता रहूँ
करने को समर्पित पुष्प मैं हाथों से चुनता रहूँ

जब तलक सांसें हैं मेरी ,तेरा दर्श मैं पाता रहूँ
ऐसी कृपा कुछ कीजिये तेरे द्वार मैं आता रहूँ

 


प्रस्तुति: 
मदन मोहन सक्सेना  












6 टिप्‍पणियां:

  1. विघ्नहर्ता दुःख निवारक,इनका है परिवेश
    इसी लिये है पूजते ,एकदंत श्री गणेश,,,,,

    RECENT P0ST फिर मिलने का

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  2. .


    `*•.¸¸.•*´¨`*•.¸¸.•*´
    ॐ गं गं गं गणपतये नमः !
    गणेश चतुर्थी मंगलमय हो !
    `*•.¸¸.•*´¨`*•.¸¸.•*´

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  3. गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें...... बप्पा को नमन

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  4. उत्कृष्ट प्रस्तुति आज बुधवार के चर्चा मंच पर ।।

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  5. अनुपम भाव ...
    गणेश चतुर्थी की अनंत शुभकामनाएं

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