सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

भरमार
















हम   को   खबर  लगी  आज कल  अब  ये  
चमचों  की   होने  लगी आज भरमार है 

मैडम  जब    हँसती   हैं हँस देते कांग्रेसी  
साथ साथ  रहने को हुए बेकरार हैं 

कद  मिले, पद  मिले, और मंत्री पद मिले 
चमचों का होने लगा आज सत्कार है

चमचों ने पाए लिया ,खूब माल खाय लिया 
जनता है भूखी प्यासी ,हुआ हाहाकार है 
 
काब्य प्रस्तुति :   
मदन मोहन सक्सेना
 

6 टिप्‍पणियां:

  1. ख्याल बहुत सुन्दर है और निभाया भी है आपने उस हेतु बधाई, सादर वन्दे,,,,,,

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    1. प्रतिक्रियार्थ आभारी हूँ ! सदैव मेरे ब्लौग आप का स्वागत है !!

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  2. चमचों ने पाए लिया ,खूब माल खाय लिया
    जनता है भूखी प्यासी ,हुआ हाहाकार है

    So True.

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  3. जहर इन्हीं का बोया है, प्रेम-भाव परिपाटी में
    घोल दिया बारूद इन्होने, हँसते गाते माटी में,
    मस्ती में बौराये नेता, चमचे लगे दलाली में
    रख छूरी जनता के,अफसर मस्त है लाली में,

    विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

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