शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

पोस्ट (सुन्दर हिंदी प्यारी हिंदी )




मुश्किल

अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर
बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल

ख्बाबो और यादों की गली में उम्र गुजारी है
समय के साथ दुनिया में है रह पाना बहुत मुश्किल ..

कहने को तो कह लेते है अपनी बात सबसे हम
जुबां से दिल की बातो को है कह पाना बहुत मुश्किल

ज़माने से मिली ठोकर तो अपना हौसला बढता
अपनों से मिली ठोकर तो सह पाना बहुत मुश्किल

कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है
क्या खोया और क्या पाया कह पाना बहुत मुश्किल 
मदन मोहन सक्सेना 
पोस्ट (सुन्दर हिंदी प्यारी हिंदी )

4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ... सच मे सुंदर हिन्दी ... प्यारी हिन्दी ... अपनी हिन्दी !

    विश्व एड्स दिवस पर रखें याद जानकारी ही बचाव - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. ज़माने से मिली ठोकर तो अपना हौसला बढता
    अपनों से मिली ठोकर तो सह पाना बहुत मुश्किल
    गहन अर्थ लिए सुंदर रचना ...!!

    शुभकामनायें ...

    जवाब देंहटाएं