गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013

दीवाली और मैं






दीवाली का पर्ब है फिर अँधेरे में क्यों रहूँ
आज मैनें फिर तेरी याद के दीपक जला लिए   …







प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना

2 टिप्‍पणियां:

  1. दीपावली की हार्दिक मंगल कामनाएं

    जवाब देंहटाएं

  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति राग भरी अनुराग पगी। जोश भरी उल्लास भरी बस आस आस और आस आस चारों दिस जैसे हो उजास।

    जवाब देंहटाएं