गुरुवार, 25 अगस्त 2016

श्री कृष्णजन्माष्टमी का पर्ब आप सबको मंगलमय हो






उत्थान   पतन  मेरे भगवन है आज तुम्हारे हाथों में
प्रभु जीत तुम्हारें हाथों में प्रभु हार तुम्हारें हाथों में 

मुझमें तुममें है फर्क यही मैं  नर हूँ तुम नारायण हो
मैं खेलूँ जग के हाथों में संसार तुम्हारें हाथों में

तुम दीनबंधु दुखहर्ता हो तुम जग के पालन करता हो
इस मुर्ख खल और कामी का  उद्धार तुम्हारे हाथों में 

मेरे तन मन के तुम स्वामी हो भगवन तुम अंतर्यामी हो 
मेरे जीवन की इस नौका का प्रभु भार तुम्हारे हाथों में

तुम भक्तों के रखबाले हो दुःख दर्द मिटाने  बाले हो
तेरे चरणों में मुझे जगह मिले अधिकार तुम्हारे हाथों में 

श्री कृष्णजन्माष्टमी का पर्ब आप सबको मंगलमय हो

मदन मोहन सक्सेना

 

1 टिप्पणी:

  1. उत्थान पतन मेरे भगवन है आज तुम्हारे हाथों में
    प्रभु जीत तुम्हारें हाथों में प्रभु हार तुम्हारें हाथों में

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